Bulbule Khyalon Ke
‘बुलबुले ख़यालों के’ यह नीलम सक्सेना चंद्रा द्वारा लिखित पचत्तर नज़्मों का संग्रह है| ख़याल तो छोटे छोटे बुलबुलों की तरह ही मन में उपजते हैं| और दिल से निकले हुए यह बुलबुले कभी-कभी देखते ही देखते दरख़्त का रूप भी ले लेते हैं| जिस तरह दरख़्त के नीचे बैठने से जिस्म को आराम मिलता है और रूह को चैन, उसी तरह ख़यालों के इन अल्फाजों से भी ज़हन को संतुष्टि मिलती है|
TITLE :- बुलबले ख्यालों के
GENRE :- Poetry Collection
PUBLISHER :- AUTHORSPRESS
RELEASE DATE :- Jan 2016
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